बच्चा स्कूल जा नहीं रहा और पूरा-पूरा दिन सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन में ही उसका दिल और दिमाग लगता है। ऐसे में कैसे बच्चे की एकाग्रता को बढ़ाया जाए? कैसे इस समय का सदुपयोग कर उन्हें पढ़ाई की तरफ ले जाया जाए? आइए इन्हीं सवालों का हल खोजते हैं, करियर काउंसलर जीतिन चावला के साथ के साथ।
मेरी बेटी इस समय तीसरी कक्षा में है। पिछली कक्षा तक तो उसकी कोई परीक्षा या टेस्ट नहीं होते थे, तो मुझे भी उसकी पढ़ाई की इतनी चिंता नहीं थी। लेकिन तीसरी में आते ही उसके स्कूल से रोज एक्टिविटी शीट्स आनी शुरू हो गई है। एक तो पहले ही वह सुबह जल्दी नहीं उठती, ऊपर से सभी कामों को इतना धीमे-धीमे करती है कि काफी समय बर्बाद हो जाता है।
उसकी सभी चीजों में मुझे एक सामान्य बात नजर आई और वह है, उसकी एकाग्रता। वह थोड़ी सी भी अधिक समय के लिए किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं रख पाती। लेकिन उसकी इस समस्या को अगर अभी हल नहीं किया गया, तो निश्चित ही इसका खामियाजा आगे भुगतना पड़ सकता है।
कैसे बढ़ाएं बच्चों में एकाग्रता:
सब बच्चे एक जैसे नहीं हो सकते। कुछ शुरुआत से चंचल होते हैं तो कुछ बहुत संयमी। बच्चों की एकाग्रता का असर सीधे-सीधे उनकी पढ़ाई पर होता है। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों की एकाग्रता या ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ गतिविधियों का सहारा लें।
1. अपने घर में माहौल बनाइए
आप जैसा चाहते हैं, वैसा पाने के लिए आपको अपने घर का माहौल भी बनाना होगा। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा रोज सुबह उठकर पढ़ने बैठ जाए तो उसे घर पर वैसा माहौल भी दें। आस-पास की सभी गतिविधियों को कुछ समय के लिए रोक दें। साथ ही ध्यान रहे, अगर वह पढ़ाई के लिए बैठ रहा हो तो उसे पलंग या सोफे पर नहीं, बल्कि कुर्सी मेज पर बिठाएं। साथ ही कोशिश करें की बच्चा अपनी पीठ भी बिल्कुल सीधे रखें। इससे उसकी एकाग्रता में और सुधार होगा।
2. अनुशासन है जरूरी
अगर आप किसी चीज को करवाना या करना चाहते हैं, तो उसके लिए अनुशासन सबसे बड़ी कुंजी है। यानी हर बार नियम के साथ बच्चे को बैठने को बोलें। हमें मालूम है कि शुरु-शुरु में उसे बहुत मुश्किल होगी। खासकर छोटे बच्चों को, जिन्हें अभी एक साथ बैठना बहुत मुश्किल भरा लगता है। ऐसे में कभी उन्हें पानी चाहिए होगा तो कभी उन्हें वॉशरूम जाना होगा। बेहतर रहेगा कि आप पढ़ाई के लिए बैठने से पहले ही उन्हें यह सब काम निपटाने को बोल दें।
3. रूटीन बनाई जाए
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे भी एकाग्रता के साथ कोई भी काम करें या पढ़े तो आप पहले अपने बच्चे को रूटीन में लाएं। स्कूल नहीं जाना, अभी छुट्टियां चल रही हैं, इन सब बतों को हटाते हुए, उन्हें एक दिनचर्या बनाने दीजिए। कोशिश करें कि यह दिनचर्या आपके बच्चे की पसंद की हो। इसी के साथ आप उन्हें सख्त हिदायत दें कि वे इस दिनचर्या का पालन सख्ती से करें। इसी के साथ बच्चे को हर रोज पढ़ाई के लिए एक ही जगह पर बिठाएं। इससे भी उन्हें एक जैसा माहौल और दिनचर्या की आदत होने लगती है।
4. समय अधिक है तो उसका सही इस्तेमाल करें
आज बच्चों को न तो स्कूल आना-जाना है और न ही किसी दूसरी क्लास में। ऐसे में बच्चों के पास काफी समय बचता है। आप बच्चे को कहें कि वे अपने इस समय का सही इस्तेमाल करें। इस समय में वे अपनी पहली कक्षा के पुर्नाभ्यास में लगा सकते हैं या फिर अपनी लेखनी को सुधारने में। इससे उनका रूटीन भी ज्यादा नहीं हिलेगा और उन्हें पढ़ाई के लिए बैठने की आदत भी हो जाएगी।
5. खुद को सुझाव दें
मनोविज्ञान में “ऑटो सजेशन” को “खुद को सुझाव देने” की तकनीक कहा गया है। इसके परिणाम काफी प्रभावकारी देखे जाते हैं। इसमें बच्चे को खुद को निर्देश देने के बारे में कहा जाता है। आप बच्चे से कहें कि वे सुबह खुद अपना टाइम-टेबल देख कर रोज खुद को निर्देश दे की उसे अब पढ़ने के लिए बैठना है। उसे खुद से कम से कम 1 घंटा तो बैठना ही होगा। इससे भी बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है।
6. अपनी सांसों पर ध्यान दें
कोई भी सीधे-सीधे अपनी मेज पर बैठ कर काम करना शुरु नहीं कर सकता। इसके लिए जरूरी है कि जब भी बच्चा पढ़ाई के लिए बैठे, वह दो-चार मिनट के लिए अपनी सांसों की प्रक्रिया पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। यह एकाग्रता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने का सबसे सरल और अहम तरीका है।
7. रोज ध्यान लगाएं
आजकल बच्चों का ध्यान केंद्रित कराने के लिए बहुत सी ऑनलाइन ऐप्स भी मौजूद हैं। आप भी अपने बच्चे के लिए इन ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन ऐप्स का इस्तेमाल करने के दौरान वहां बच्चों को कुछ निर्देश दिए जाते हैं कि उन्हें कब, कैसे और क्या करना है। आप इसके लिए अपने बच्चों के साथ रहें और देखें कि वे सब सही कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा हम सभी के घरों में बड़े हमेशा मेडिटेशन या ध्यान लगाने की अभ्यास करते हैं। आप अपने बच्चों को अपने साथ भी इसका अभ्यास करने को कह सकते हैं।
8. योग का लें सहारा
यह सही समय है बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए। योग में कई ऐसे आसन हैं जो बच्चों के चंचल मन को नियंत्रित कर उनकी एकाग्रता को बढ़ाने का काम भी करते हैं। सबसे अहम है त्राटक योग। इसमें आप बच्चे को किसी एक चीज जैसे कि पैंसिल की नोंक या अपने अंगूठे को लगातार देखते रहने का अभ्यास करा सकते हैं। इस योग से बच्चों में एकाग्रता भी बढ़ती है।
9. बच्चे को खुश रखें
अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा अपना पूरा ध्यान लगाकर पढ़े तो उसके लिए जरूरी है कि आप उसे खुश रखें। उदास मन से बच्चे अपनी पढ़ाई तो क्या किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाते।
उम्मीद है कि आप इन सभी गतिविधियों को करने के बाद आपके बच्चे में भी एकाग्रता की समस्या में कुछ सुधार जरूर होगा। लेकिन एक बात का ध्यान माता-पिता भी रखें कि आप उन्हें घर पर स्कूल की तरह पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन है तो यह घर ही और आप बच्चे के शिक्षक नहीं हैं, बल्कि माता-पिता हैं। अगर आप एक अच्छे मार्गदर्शक बन पाए तो आपका बच्चा भी एक अच्छा छात्र बनेगा।