वर्ष 2019 के अंत में कोरोना वायरस नामक बीमारी ने तेजी से चीन के वुहान प्रांत में लोगों को अपना शिकार बनाया। यह एक श्वसन संबंधी समस्या है। इसमें कोरोना 2019 वायरस रोगी के फेफड़ों पर हमला करते हैं, जिससे खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत भी होती है। विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) की मानें तो चीन समेत 15 से अधिक अन्य देशों तक भी यह वायरस अपनी पहुंच बना चुका है। भारत में भी फिलवक्त कोरोना वायरस के तीन मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं अकेले चीन में ही इससे मरने वालों संख्या 1310 के आंकड़े को पर कर है।
कोरोना वायरस भ्रम और उसके सच –
भले ही हमारे देश में इसने महामारी का रूप नहीं लिया, लेकिन इससे जुड़ी अफवाहें और भ्रम तेजी से लोगों के दिलों में डर पैदा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कोरोना वायरस से जुड़े भ्रम और उसके सच के बारे में।
कोरोना वायरस से जुड़े भ्रम और उनके सच यहां जानेंः
भ्रम 1 चीन से आने वाला सामान कोरोना वायरस को हमारे घर तक पहुंचा रहा है।
सच: चीन से अपने वाले किसी भी पैकेज से आपकी सेहत को कोई खतरा नहीं है। कोरोना वायरस लंबे समय तक किसी भी चीज जैसे की पेपर या पैकेज या अन्य किसी भी सामान पर जीवित नहीं रह सकते।
भ्रम 2: कोरोना वायरस के इलाज में एंटीबायोटिक दवाइयां कारगर हैं।
सच: एंटीबायोटिक दवाइयां सिर्फ बैक्टीरिया पर काम करती हैं वायरस पर नहीं। और कोरोना वायरस, वायरस से फैलने वाली समस्या है, जिसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां कारगर साबित नहीं होतीं। हां, इसके इलाज के दौरान आपको एंटीबायोटिक दवाइयां दी जा सकती हैं, ताकि आपको वायरस के साथ-साथ बैक्टीरियल संक्रमण न हो।
भ्रम 3: किसी भी मास्क के उपयोग से आप इस वायरस से बच सकते हैं।
सच: हमारे देश में लोग मुंह को कपड़े से भी बांध लेते हैं। लेकिन कोरोना वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि एन 95 या अधिक सतर वाले मास्क का उपयोग करना बेहतर रहेगा।
भ्रम 4: गर्म पानी में व्हिस्की और शहद या अन्य घरेलू नुस्खे कोरोना वायरस का इलाज है।
सच: खबरों में एक ब्रिटिश नागरिक ने अपनी कहानी सुनाइै कि कैसे उसने व्हिस्की और शहद से खुद को कोरोना वायरस के संक्रमण से छुटकारा दिलाया है, लेकिन अभी तक इस बात का किसी भी डॉक्टर या वैज्ञानिक ने प्रमाण नहीं दिया है। इसी के साथ ही खुद से घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज के लिए नहीं करने की सलाह दी जाती है।
भ्रम 5: बार-बार हाथ, मुंह धोने से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है।
सच: यह सच है कि हाथ और मुंह को साफ रखने से इस समस्या से बचा जा सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप मेडिकेटेड या एल्कोहल युक्त साबुन या हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
भ्रम 6 घर में पालतू कुत्ते या बिल्ली से भी कोरोना वायरस फैल रहा है।
सच: हालांकि, इस बात के कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिल रहे कि पालतू जानवारों जैसे कि कुत्ता या बिल्ली से आपको कोरोना वायरस का खतरा है, लेकिन फिर भी पालतू जानवरों के संपर्क में आने के बाद आप अपने हाथों को मेडिकेटेड साबुन और पानी से अच्छे से धोएं। इससे आप जानवरों में पाए जाने वाले सालमोनेला जैसे अन्य बैक्टीरिया से भी सुरक्षित रहेंगे।
भ्रम 7: निमोनिया की दवाई का इस्तेमाल कोरोना वायरस में किया जा सकता है।
सच: निमोनिया के इलाज में उपयोग किए जाने वाली न्यूमोकॉकल वैक्सीन या हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी ‘एचआईबी’ वैक्सीन का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में नहीं किया जा सकता। यह दवाइयां कोरोनो वायरस पर काम नहीं करतीं।
भ्रम 8: नमक वाले पानी या स्लाइन से लगातार नाक साफ करने से इससे बचा जा सकता है।
सच: बिल्कुल भी नहीं। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि नमक वाले पानी या स्लाइन से नाक को बार-बार साफ करने पर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। हां, यह देखा गया है कि लगातार नमक वाले पानी से नाक साफ करते रहने से लोगों को आम सर्दी या जुकाम में राहत मिलती है। लेकिन इस बात के कोई सुबूत नहीं मिले कि इस प्रक्रिया से श्वसन संबंधी संक्रमणों से बचा जा सकता है।
भ्रम 9: माउथवॉश के गरारे करने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।
सच: जितने लोग, उतनी बातें और यह कथन बिल्कुल सही है। किसी भी ब्रांडेड या घरेलू माउथवॉश से कुछ समय के लिए आपके मुंह में सूक्ष्म जीव नष्ट हो सकते हैं, लेकिन ये कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में कारगर साबित नहीं होते। न ही इस बात का कोई प्रमाण अभी तक मिल पाया है।
भ्रम 10: लहसुन का उपयोग कोरोना वायरस से बचाता है।
सच: लहसुन एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है, जिसमें सूक्ष्म जीवों से लड़ने की ताकत होती है। लेकिन कोरोना वायरस के मामले में यह कहना कि लहसुन के उपयोग से इसके संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है।
भ्रम 11: शरीर पर तिल का तेल लगाने से कोरोना वायरस से बचाव होता है।
सच: बिल्कुल भी नहीं, तिल का तेल कोरोना वायरस को नष्ट करने में समर्थवान नहीं है। हां, कोरोना वायरस को जमीन या किसी वस्तु पर खत्म करने के लिए कुछ रसायनों का प्रयोग जरूर किया जा रहा है। लेकिन अगर आप इनका इस्तेमाल अपने शरीर पर करें तो इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि इससे आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बच जाएंगे। साथ ही ये रसायन हमारे शरीर पर इस्तेमाल की दृष्टि से बेहद हानिकारक भी हैं।
भ्रम 12: इस वायरस की चपेट में उम्रदराज या छोटे बच्चे जल्दी आते हैं।
सच: किसी भी उम्र के लोग इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं, फिर चाहे वे बच्चे हों या बड़े। हां, यह जरूर है कि जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं जैसे कि अस्थमा, मधुमेह या हृदय संबंधी कोई रोग, उनकी संभावनाएं वायरस की चपेट में आने की अधिक हैं।
इसके लिए जरूरी है कि सभी लोगों को निजी साफ-सफाई और उससे संबंधित क्रियाओं के लगातार पर जोर दें।
यह यहां दी गई जानकारी विश्व स्वास्थ संगठन (WHO)की वेबसाइट पर उपलब्ध पर आधारित है।